Gitanjali : गीतांजलि

Fiction & Literature, Poetry
Cover of the book Gitanjali : गीतांजलि by Rabindranath Tagore, Diamond Pocket Books Pvt ltd.
View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart
Author: Rabindranath Tagore ISBN: 9789352615391
Publisher: Diamond Pocket Books Pvt ltd. Publication: October 27, 2016
Imprint: Language: Hindi
Author: Rabindranath Tagore
ISBN: 9789352615391
Publisher: Diamond Pocket Books Pvt ltd.
Publication: October 27, 2016
Imprint:
Language: Hindi

रवीन्द्रनाथ की कविता यात्रा हिन्दी में तो कम से कम पुर्नमूल्यांकन की दरकार रखती है । इतने वैविध्य विषयों पर एक साथ आम मनुष्य से जुड़ाव  की चिंता के साथ कविता को जोड़े रखना उन्हें वैश्विक समकालीन चेतना से सम्पृक्त करता है। उन्होंने एक हजार कविताएं और दो हजार गीत लिखे । जब वे पन्द्रह बरस के थे तब उनकी पहली कविता पुस्तक छप चुकी थी और अंतिम कविता मृत्यु के ठीक पहले की लिखी हुई है ।

वैसे रवीन्द्रनाथ सूफी रहस्यवाद और वैष्णव काव्य से  प्रभावित थे । फिर भी संवेदना  चित्रण में वे इन कवियों को अनुकृति नहीं लगते । जैसे मनुष्य के प्रति प्रेम अनजाने ही परमात्मा के प्रति प्रेम में तब्दील हो जाता  है । वे नहीं मानते कि भगवान किसी आदम बीज की तरह है । उनके लिए प्रेम है प्रारंभ और परमात्मा है अंत  जब पहले पहल गीतांजलि का अनुवाद आया अंग्रेजी में तब प्रेम और शांति का संदेश के लिए इसका पश्चिम ने जबर्दस्त स्वागत किया । वह दौर ही ऐसा था ।

View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart

रवीन्द्रनाथ की कविता यात्रा हिन्दी में तो कम से कम पुर्नमूल्यांकन की दरकार रखती है । इतने वैविध्य विषयों पर एक साथ आम मनुष्य से जुड़ाव  की चिंता के साथ कविता को जोड़े रखना उन्हें वैश्विक समकालीन चेतना से सम्पृक्त करता है। उन्होंने एक हजार कविताएं और दो हजार गीत लिखे । जब वे पन्द्रह बरस के थे तब उनकी पहली कविता पुस्तक छप चुकी थी और अंतिम कविता मृत्यु के ठीक पहले की लिखी हुई है ।

वैसे रवीन्द्रनाथ सूफी रहस्यवाद और वैष्णव काव्य से  प्रभावित थे । फिर भी संवेदना  चित्रण में वे इन कवियों को अनुकृति नहीं लगते । जैसे मनुष्य के प्रति प्रेम अनजाने ही परमात्मा के प्रति प्रेम में तब्दील हो जाता  है । वे नहीं मानते कि भगवान किसी आदम बीज की तरह है । उनके लिए प्रेम है प्रारंभ और परमात्मा है अंत  जब पहले पहल गीतांजलि का अनुवाद आया अंग्रेजी में तब प्रेम और शांति का संदेश के लिए इसका पश्चिम ने जबर्दस्त स्वागत किया । वह दौर ही ऐसा था ।

More books from Diamond Pocket Books Pvt ltd.

Cover of the book Chandrakanta Santati by Rabindranath Tagore
Cover of the book Varaha Purana by Rabindranath Tagore
Cover of the book Vardan : वरदान by Rabindranath Tagore
Cover of the book Hindu Manyataon Ka Dharmik Adhaar : हिन्दू मान्यताओं का धार्मिक आधार by Rabindranath Tagore
Cover of the book हिन्दू मान्यताओं का वैज्ञानिक आधार : Hindu Manyataon Ka Vaigyanik Aadhar by Rabindranath Tagore
Cover of the book Hindu Dharma by Rabindranath Tagore
Cover of the book Hypnotism by Rabindranath Tagore
Cover of the book Nirmala : નિર્મલા by Rabindranath Tagore
Cover of the book Mahan Bharatiya Mahapurush : Dr. Bhim Rao Ambedkar by Rabindranath Tagore
Cover of the book Kiran Bedi by Rabindranath Tagore
Cover of the book Mahabharat Ke Amar Patra : Duryodhan by Rabindranath Tagore
Cover of the book Malala by Rabindranath Tagore
Cover of the book Easy Guide to Meditation by Rabindranath Tagore
Cover of the book Management and Corporate Guru Chanakya by Rabindranath Tagore
Cover of the book Sri Ramakrishna Paramhansa by Rabindranath Tagore
We use our own "cookies" and third party cookies to improve services and to see statistical information. By using this website, you agree to our Privacy Policy