Kajaki (कजाकी)

Kids, Teen, Short Stories, Fiction & Literature, Classics
Cover of the book Kajaki (कजाकी) by Premchand, General Press
View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart
Author: Premchand ISBN: 9788180320644
Publisher: General Press Publication: August 1, 2015
Imprint: Global Digital Press Language: Hindi
Author: Premchand
ISBN: 9788180320644
Publisher: General Press
Publication: August 1, 2015
Imprint: Global Digital Press
Language: Hindi

मेरी बचपन की यादों में ‘कजाकी’ एक न मिटने वाला व्यक्ति है। आज चालीस वर्ष गुज़र गए, कजाकी की मूर्ति अभी तक मेरी आँखों के सामने नाच रही है। मैं उस समय अपने पिता के साथ आज़मगढ़ की एक तहसील में था। कजाकी जाति का पासी था, बड़ा ही हँसमुख, बड़ा ही ज़िंदादिल। वह रोज़ शाम को डाक का थैला लेकर आता, रात भर रहता और सुबह डाक लेकर चला जाता।

शाम को फिर उधर से डाक लेकर आ जाता। मैं दिन भर उद्विग्न हालत में उसकी राह देखा करता, ज्यों ही चार बजते, बेचैन होकर सड़क पर आकर खड़ा हो जाता। वह दूर से दौड़ता हुआ आता दिखलाई पड़ता। वह साँवले रंग का गठीला, लंबा जवान था। जिस्म साँचे में ऐसा ढला हुआ कि चतुर मूर्तिकार भी उसमें कोई दोष न निकाल सकता। उसकी छोटी-छोटी मूँछें उसके सुडौल मुँह पर बहुत ही अच्छी प्रतीत होती थीं।

मुझे देखकर वह और तेज़ दौड़ने लगता, उसकी झुँझुनी और तेज़ी से बजने लगती तथा मेरे दिल में ज़ोर से ख़ुशी की धड़कन होने लगती। हर्षातिरेक में मैं भी दौड़ पड़ता और एक पल में कजाकी का कंधा मेरा सिंहासन बन जाता। वह जगह मेरी अभिलाषाओं का स्वर्ग थी।

स्वर्ग के निवासियों को शायद वह आंदोलित आनंद नहीं मिलता होगा, जो मुझे कजाकी के विशाल कंधे पर मिलता था। दुनिया मेरी आँखों में तुच्छ हो जाती और कजाकी मुझे कंधे पर लिये हुए दौड़ने लगता, तब तो ऐसा महसूस होता, मानो मैं हवा के घोड़े पर उड़ा जा रहा हूँ।

कजाकी डाकख़ाने में पहुँचता तो पसीने से तर-बतर रहता; लेकिन आराम करने की आदत नहीं थी, थैला रखते ही वह हम लोगों को लेकर किसी मैदान में निकल जाता, कभी हमारे साथ खेलता, कभी बिरहे गाकर सुनाता और कभी-कभी कहानियाँ सुनाता। उसे चोरी तथा डाके, मारपीट, भूत-प्रेत की सैंकड़ों कहानियाँ याद थीं। मैं कहानियाँ सुनकर विचित्र आनंद में मग्न हो जाता; उसकी कहानियों के चोर और डाकू सच्चे योद्धा थे, जो धनी लोगों को लूटकर दीन-दुखी प्राणियों का पालन करते थे। मुझे उन पर नफ़रत के बदले श्रद्धा होती थी।

प्रेमचंद की मशहूर कहानियाँ (Search the book by ISBN)

  1. ईदगाह (ISBN: 9788180320606)

  2. पूस की रात (ISBN: 9788180320613)

  3. पंच-परमेश्वर (ISBN: 9788180320620)

  4. बड़े घर की बेटी (ISBN: 9788180320637)

  5. नमक का दारोगा (ISBN: 9788180320651)

  6. कजाकी (ISBN: 9788180320644)

  7. गरीब की हाय (ISBN: 9788180320668)

  8. शतरंज के खिलाड़ी (ISBN: 9788180320675)

  9. सुजान भगत (ISBN: 9788180320729)

  10. रामलीला (ISBN: 9788180320682)

  11. धोखा (ISBN: 9788180320699)

  12. जुगनू की चमक (ISBN: 9788180320736)

  13. बेटों वाली विधवा (ISBN: 9788180320743)

  14. दो बैलों की कथा (ISBN: 9788180320750)

  15. बड़े भाई साहब (ISBN: 9788180320705)

  16. घरजमाई (ISBN: 9788180320767)

  17. दारोगाजी (ISBN: 9788180320774)

  18. कफ़न (ISBN: 9788180320781)

  19. बूढ़ी काकी (ISBN: 9788180320798)

  20. दो भाई (ISBN: 9788180320712)

View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart

मेरी बचपन की यादों में ‘कजाकी’ एक न मिटने वाला व्यक्ति है। आज चालीस वर्ष गुज़र गए, कजाकी की मूर्ति अभी तक मेरी आँखों के सामने नाच रही है। मैं उस समय अपने पिता के साथ आज़मगढ़ की एक तहसील में था। कजाकी जाति का पासी था, बड़ा ही हँसमुख, बड़ा ही ज़िंदादिल। वह रोज़ शाम को डाक का थैला लेकर आता, रात भर रहता और सुबह डाक लेकर चला जाता।

शाम को फिर उधर से डाक लेकर आ जाता। मैं दिन भर उद्विग्न हालत में उसकी राह देखा करता, ज्यों ही चार बजते, बेचैन होकर सड़क पर आकर खड़ा हो जाता। वह दूर से दौड़ता हुआ आता दिखलाई पड़ता। वह साँवले रंग का गठीला, लंबा जवान था। जिस्म साँचे में ऐसा ढला हुआ कि चतुर मूर्तिकार भी उसमें कोई दोष न निकाल सकता। उसकी छोटी-छोटी मूँछें उसके सुडौल मुँह पर बहुत ही अच्छी प्रतीत होती थीं।

मुझे देखकर वह और तेज़ दौड़ने लगता, उसकी झुँझुनी और तेज़ी से बजने लगती तथा मेरे दिल में ज़ोर से ख़ुशी की धड़कन होने लगती। हर्षातिरेक में मैं भी दौड़ पड़ता और एक पल में कजाकी का कंधा मेरा सिंहासन बन जाता। वह जगह मेरी अभिलाषाओं का स्वर्ग थी।

स्वर्ग के निवासियों को शायद वह आंदोलित आनंद नहीं मिलता होगा, जो मुझे कजाकी के विशाल कंधे पर मिलता था। दुनिया मेरी आँखों में तुच्छ हो जाती और कजाकी मुझे कंधे पर लिये हुए दौड़ने लगता, तब तो ऐसा महसूस होता, मानो मैं हवा के घोड़े पर उड़ा जा रहा हूँ।

कजाकी डाकख़ाने में पहुँचता तो पसीने से तर-बतर रहता; लेकिन आराम करने की आदत नहीं थी, थैला रखते ही वह हम लोगों को लेकर किसी मैदान में निकल जाता, कभी हमारे साथ खेलता, कभी बिरहे गाकर सुनाता और कभी-कभी कहानियाँ सुनाता। उसे चोरी तथा डाके, मारपीट, भूत-प्रेत की सैंकड़ों कहानियाँ याद थीं। मैं कहानियाँ सुनकर विचित्र आनंद में मग्न हो जाता; उसकी कहानियों के चोर और डाकू सच्चे योद्धा थे, जो धनी लोगों को लूटकर दीन-दुखी प्राणियों का पालन करते थे। मुझे उन पर नफ़रत के बदले श्रद्धा होती थी।

प्रेमचंद की मशहूर कहानियाँ (Search the book by ISBN)

  1. ईदगाह (ISBN: 9788180320606)

  2. पूस की रात (ISBN: 9788180320613)

  3. पंच-परमेश्वर (ISBN: 9788180320620)

  4. बड़े घर की बेटी (ISBN: 9788180320637)

  5. नमक का दारोगा (ISBN: 9788180320651)

  6. कजाकी (ISBN: 9788180320644)

  7. गरीब की हाय (ISBN: 9788180320668)

  8. शतरंज के खिलाड़ी (ISBN: 9788180320675)

  9. सुजान भगत (ISBN: 9788180320729)

  10. रामलीला (ISBN: 9788180320682)

  11. धोखा (ISBN: 9788180320699)

  12. जुगनू की चमक (ISBN: 9788180320736)

  13. बेटों वाली विधवा (ISBN: 9788180320743)

  14. दो बैलों की कथा (ISBN: 9788180320750)

  15. बड़े भाई साहब (ISBN: 9788180320705)

  16. घरजमाई (ISBN: 9788180320767)

  17. दारोगाजी (ISBN: 9788180320774)

  18. कफ़न (ISBN: 9788180320781)

  19. बूढ़ी काकी (ISBN: 9788180320798)

  20. दो भाई (ISBN: 9788180320712)

More books from General Press

Cover of the book The Dynamic Laws of Prosperity by Premchand
Cover of the book The Art of Public Speaking by Premchand
Cover of the book The Complete Works of Mark Twain by Premchand
Cover of the book How to Enjoy Your Life and Your Job by Premchand
Cover of the book The Life and Times of Jesus the Messiah by Premchand
Cover of the book Gareeb Ki Haye (गरीब की हाय) by Premchand
Cover of the book The Secret Proposal by Premchand
Cover of the book A Modest Proposal and Other Stories by Premchand
Cover of the book World's Best Short Stories 6 by Premchand
Cover of the book Mansarovar 2 (मानसरोवर 2, Hindi) by Premchand
Cover of the book The Heavenly Life by Premchand
Cover of the book The Alchemy of Happiness by Premchand
Cover of the book Julius Caesar by Premchand
Cover of the book Gravity by Premchand
Cover of the book The Symbolist Movement in Literature by Premchand
We use our own "cookies" and third party cookies to improve services and to see statistical information. By using this website, you agree to our Privacy Policy