Author: | Onlinegatha editor, Ravindra Singh Yadav | ISBN: | 1230002104904 |
Publisher: | onlinegatha | Publication: | January 19, 2018 |
Imprint: | E-book | Language: | English |
Author: | Onlinegatha editor, Ravindra Singh Yadav |
ISBN: | 1230002104904 |
Publisher: | onlinegatha |
Publication: | January 19, 2018 |
Imprint: | E-book |
Language: | English |
जीवन में भावात्मक -सौन्दर्य या यथार्थ की कुरूपता कहीं न कहीं हमसे टकराती रहती है। जो बातें बार-बार मन-मस्तिष्क को खंगालती रहती हैं , अनेक प्रकार की काल्पनिक चित्रावली उभरती रहती है , मन -बुद्धि- संस्कार के विराट आयाम स्वस्फूर्त प्रेरणा बनकर वर्तमान में पुस्तकों का पुराना स्वरुप बदलती तकनीक ने हाशिये पर ला दिया है फिर भी मुद्रित पुस्तक से जुड़े सुखद साहित्यिक अनुभव अपना असर बनाये हुए हैं। नई पीढ़ी में साहित्य के प्रति उदासीनता भूमंडलीकरण का दुष्प्रभाव है जिसने बाज़ारवाद को हमारे जीवन में आक्रामक रूप से स्थापित कर दिया है।
जीवन में भावात्मक -सौन्दर्य या यथार्थ की कुरूपता कहीं न कहीं हमसे टकराती रहती है। जो बातें बार-बार मन-मस्तिष्क को खंगालती रहती हैं , अनेक प्रकार की काल्पनिक चित्रावली उभरती रहती है , मन -बुद्धि- संस्कार के विराट आयाम स्वस्फूर्त प्रेरणा बनकर वर्तमान में पुस्तकों का पुराना स्वरुप बदलती तकनीक ने हाशिये पर ला दिया है फिर भी मुद्रित पुस्तक से जुड़े सुखद साहित्यिक अनुभव अपना असर बनाये हुए हैं। नई पीढ़ी में साहित्य के प्रति उदासीनता भूमंडलीकरण का दुष्प्रभाव है जिसने बाज़ारवाद को हमारे जीवन में आक्रामक रूप से स्थापित कर दिया है।