Author: | Bankim Chandra Chattopadhyay | ISBN: | 9789352965953 |
Publisher: | Diamond Pocket Books Pvt ltd. | Publication: | March 11, 2019 |
Imprint: | Language: | English |
Author: | Bankim Chandra Chattopadhyay |
ISBN: | 9789352965953 |
Publisher: | Diamond Pocket Books Pvt ltd. |
Publication: | March 11, 2019 |
Imprint: | |
Language: | English |
हाराज अगर मेरी बातों पर लोग विश्वास न करें तो आप अभी चिता तैयार करवाइए। मैं मरने को तैयार हूं। पर महाराज, क्या आपको भी मुझ पर यकीन नहीं है। इष्टदेव को साक्षी मानकर कहती हूं कि मैं विश्वासघातिनी नहीं हूं। अगर मैं विश्वासघातिनी हूं तो मैं जन्म-जन्म तक पति-पुत्र के दर्शन से वंचित रहूं। बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय बंगला के शीर्षस्थ उपन्यासकार है। उनकी लेखनी से बंगाल साहित्य तो समृद्ध हुआ ही है, हिन्दी भी उपकृत हुई है। उनकी लोकप्रियता का यह आलम है कि पिछले डेढ़ सौ सालों से उनके उपन्यास विभिन्न भाषाओं में अनूदित हो रहे हैं और कई कई संस्करण प्रकाशित हो रहे हैं। उनके उपन्यासों में नारी की अंतर्वेदना व उसकी शक्तिमत्ता बेहद प्रभावशाली ढंग से अभिव्यक्त हुई है। उनके उपन्यासों में नारी की गरिमा को नई पहचान मिली है और भारतीय इतिहास को समझने की नई दृष्टि। वे ऐतिहासिक उपन्यास लिखने में सिद्धहस्त थे। वे भारत के एलेक्जेंडर ड्यूमा माने जाते हैं।
हाराज अगर मेरी बातों पर लोग विश्वास न करें तो आप अभी चिता तैयार करवाइए। मैं मरने को तैयार हूं। पर महाराज, क्या आपको भी मुझ पर यकीन नहीं है। इष्टदेव को साक्षी मानकर कहती हूं कि मैं विश्वासघातिनी नहीं हूं। अगर मैं विश्वासघातिनी हूं तो मैं जन्म-जन्म तक पति-पुत्र के दर्शन से वंचित रहूं। बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय बंगला के शीर्षस्थ उपन्यासकार है। उनकी लेखनी से बंगाल साहित्य तो समृद्ध हुआ ही है, हिन्दी भी उपकृत हुई है। उनकी लोकप्रियता का यह आलम है कि पिछले डेढ़ सौ सालों से उनके उपन्यास विभिन्न भाषाओं में अनूदित हो रहे हैं और कई कई संस्करण प्रकाशित हो रहे हैं। उनके उपन्यासों में नारी की अंतर्वेदना व उसकी शक्तिमत्ता बेहद प्रभावशाली ढंग से अभिव्यक्त हुई है। उनके उपन्यासों में नारी की गरिमा को नई पहचान मिली है और भारतीय इतिहास को समझने की नई दृष्टि। वे ऐतिहासिक उपन्यास लिखने में सिद्धहस्त थे। वे भारत के एलेक्जेंडर ड्यूमा माने जाते हैं।