युवाओं के मन की शक्तियों को जगाने के लिए, अन्तर्निहित आत्मविश्वास और साहस का अवलम्बन कर वे अपने जीवन की समस्याओं का सामना कर सकें, अपने हृदय को प्रेम और सहानुभूति से परिपूर्ण कर सकें, युवाओं को श्रेष्ठ नैतिक जीवनयापन की प्रेरणा प्रदान करने के लिए एवं जीवन में आनेवाली कठिनाइयों और असहाय परिस्थितियों के समय सही पथ-प्रदर्शन करने में सहायक हैं। फ्रान्स के महान विद्वान् एवं नोबल पुरस्कार विजेता रोमाँ रोलाँ ने स्वामीजी के उपदेशों के विषय में लिखा है - ''शरीर में विद्युस्पर्श के-से आघात की सिहरन का अनुभव किए बिना, मैं उनकी उस वाणी का स्पर्श नहीं कर सकता।''
युवाओं के मन की शक्तियों को जगाने के लिए, अन्तर्निहित आत्मविश्वास और साहस का अवलम्बन कर वे अपने जीवन की समस्याओं का सामना कर सकें, अपने हृदय को प्रेम और सहानुभूति से परिपूर्ण कर सकें, युवाओं को श्रेष्ठ नैतिक जीवनयापन की प्रेरणा प्रदान करने के लिए एवं जीवन में आनेवाली कठिनाइयों और असहाय परिस्थितियों के समय सही पथ-प्रदर्शन करने में सहायक हैं। फ्रान्स के महान विद्वान् एवं नोबल पुरस्कार विजेता रोमाँ रोलाँ ने स्वामीजी के उपदेशों के विषय में लिखा है - ''शरीर में विद्युस्पर्श के-से आघात की सिहरन का अनुभव किए बिना, मैं उनकी उस वाणी का स्पर्श नहीं कर सकता।''