Chandrakanta Santati-1

चन्द्रकान्ता सन्तति-1

Mystery & Suspense, Historical Mystery
Cover of the book Chandrakanta Santati-1 by Devki Nandan Khatri, देवकी नन्दन खत्री, Bhartiya Sahitya Inc.
View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart
Author: Devki Nandan Khatri, देवकी नन्दन खत्री ISBN: 9781613010266
Publisher: Bhartiya Sahitya Inc. Publication: April 18, 2012
Imprint: Language: Hindi
Author: Devki Nandan Khatri, देवकी नन्दन खत्री
ISBN: 9781613010266
Publisher: Bhartiya Sahitya Inc.
Publication: April 18, 2012
Imprint:
Language: Hindi
नौगढ़ के राजा सुरेन्द्रसिंह के लड़के बीरेन्द्रसिंह की शादी विजयगढ़ के महाराज जयसिंह की लड़की चन्द्रकान्ता के साथ हो गयी। बारातवाले दिन तेजसिंह की आखिरी दिल्लगी के सबब चुनार के महाराज शिवदत्त को मशालची बनना पड़ा। बहुतों की यह राय हुई कि महाराज शिवदत्त का दिल अभी तक साफ नहीं हुआ इसलिए अब इनको कैद ही में रखना मुनासिब है, मगर महाराज सुरेन्द्रसिंह ने इस बात को नापसन्द करके कहा कि ‘महाराज शिवदत्त को हम छोड़ चुके हैं, इस वक्त जो तेजसिंह से उनकी लड़ाई हो गयी, यह हमारे साथ वैर रखने का सबूत नहीं हो सकता। आख़िर महाराज शिवदत्त क्षत्रिय हैं, जब तेजसिंह उनकी सूरत बन बेइज्जती करने पर उतारू हो गए तो यह देखकर भी वह कैसे बर्दाश्त कर सकते थे? मैं यह भी नहीं कह सकता कि महाराज शिवदत्त का दिल हम लोगों की तरफ से बिल्कुल साफ़ हो गया क्योंकि अगर उनका दिल साफ़ ही हो जाता तो इस बात को छिपकर देखने के लिए आने की ज़रूरत क्या थी? तो भी यह समझकर कि तेजसिंह के साथ इनकी यह लड़ाई हमारी दुश्मनी के सबब नहीं कही जा सकती, हम फिर इनको छोड़ देते हैं। अगर अब भी ये हमारे साथ दुश्मनी करेंगे तो क्या हर्ज है, ये भी मर्द हैं और हम भी मर्द हैं, देखा जाएगा।
View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart
नौगढ़ के राजा सुरेन्द्रसिंह के लड़के बीरेन्द्रसिंह की शादी विजयगढ़ के महाराज जयसिंह की लड़की चन्द्रकान्ता के साथ हो गयी। बारातवाले दिन तेजसिंह की आखिरी दिल्लगी के सबब चुनार के महाराज शिवदत्त को मशालची बनना पड़ा। बहुतों की यह राय हुई कि महाराज शिवदत्त का दिल अभी तक साफ नहीं हुआ इसलिए अब इनको कैद ही में रखना मुनासिब है, मगर महाराज सुरेन्द्रसिंह ने इस बात को नापसन्द करके कहा कि ‘महाराज शिवदत्त को हम छोड़ चुके हैं, इस वक्त जो तेजसिंह से उनकी लड़ाई हो गयी, यह हमारे साथ वैर रखने का सबूत नहीं हो सकता। आख़िर महाराज शिवदत्त क्षत्रिय हैं, जब तेजसिंह उनकी सूरत बन बेइज्जती करने पर उतारू हो गए तो यह देखकर भी वह कैसे बर्दाश्त कर सकते थे? मैं यह भी नहीं कह सकता कि महाराज शिवदत्त का दिल हम लोगों की तरफ से बिल्कुल साफ़ हो गया क्योंकि अगर उनका दिल साफ़ ही हो जाता तो इस बात को छिपकर देखने के लिए आने की ज़रूरत क्या थी? तो भी यह समझकर कि तेजसिंह के साथ इनकी यह लड़ाई हमारी दुश्मनी के सबब नहीं कही जा सकती, हम फिर इनको छोड़ देते हैं। अगर अब भी ये हमारे साथ दुश्मनी करेंगे तो क्या हर्ज है, ये भी मर्द हैं और हम भी मर्द हैं, देखा जाएगा।

More books from Bhartiya Sahitya Inc.

Cover of the book Premchand Ki Kahaniyan-08 by Devki Nandan Khatri, देवकी नन्दन खत्री
Cover of the book Akash Kavach by Devki Nandan Khatri, देवकी नन्दन खत्री
Cover of the book Sachcha Sukh (Hindi Self-help) by Devki Nandan Khatri, देवकी नन्दन खत्री
Cover of the book Geetanjali (Hindi poetry) by Devki Nandan Khatri, देवकी नन्दन खत्री
Cover of the book Aatmatatwa (Hindi Self-help) by Devki Nandan Khatri, देवकी नन्दन खत्री
Cover of the book Pragatisheel (Hindi Novel) by Devki Nandan Khatri, देवकी नन्दन खत्री
Cover of the book Premchand Ki Kahaniyan-01 by Devki Nandan Khatri, देवकी नन्दन खत्री
Cover of the book Meri Kahaniyan-Bhishm Sahani (Hindi Stories) by Devki Nandan Khatri, देवकी नन्दन खत्री
Cover of the book Meri Kahaniyan-Mamta Kaliya (Hindi Stories) by Devki Nandan Khatri, देवकी नन्दन खत्री
Cover of the book Unnati Ke Teen Gun Char Charan (Hindi Self-help) by Devki Nandan Khatri, देवकी नन्दन खत्री
Cover of the book Meri Kahaniyan-Pranav Kumar Bandyopadhayay (Hindi Stories) by Devki Nandan Khatri, देवकी नन्दन खत्री
Cover of the book Gayatri Aur Yagyopavit (Hindi Self-help) by Devki Nandan Khatri, देवकी नन्दन खत्री
Cover of the book Premchand Ki Kahaniyan-44 by Devki Nandan Khatri, देवकी नन्दन खत्री
Cover of the book Kati Patang (Hindi Novel) by Devki Nandan Khatri, देवकी नन्दन खत्री
Cover of the book Meri Kahaniyan-Aabid Surti (Hindi Stories) by Devki Nandan Khatri, देवकी नन्दन खत्री
We use our own "cookies" and third party cookies to improve services and to see statistical information. By using this website, you agree to our Privacy Policy