Geetawali (Hindi)

Nonfiction, Religion & Spirituality, Eastern Religions, Hinduism, Philosophy
Cover of the book Geetawali (Hindi) by Tulsidas, Sai ePublications & Sai Shop
View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart
Author: Tulsidas ISBN: 9781310233814
Publisher: Sai ePublications & Sai Shop Publication: November 19, 2014
Imprint: Smashwords Edition Language: Hindi
Author: Tulsidas
ISBN: 9781310233814
Publisher: Sai ePublications & Sai Shop
Publication: November 19, 2014
Imprint: Smashwords Edition
Language: Hindi

आजु सुदिन सुभ घरी सुहाई |
रूप-सील-गुन-धाम राम नृप-भवन प्रगट भए आई ||
अति पुनीत मधुमास, लगन-ग्रह-बार-जोग-समुदाई |
हरषवन्त चर-अचर, भूमिसुर-तनरुह पुलक जनाई ||
बरषहिं बिबुध-निकर कुसुमावलि, नभ दुन्दुभी बजाई |
कौसल्यादि मातु मन हरषित, यह सुख बरनि न जाई ||
सुनि दसरथ सुत-जनम लिये सब गुरुजन बिप्र बोलाई |
बेद-बिहित करि क्रिया परम सुचि, आनँद उर न समाई ||
सदन बेद-धुनि करत मधुर मुनि, बहु बिधि बाज बधाई |
पुरबासिन्ह प्रिय-नाथ-हेतु निज-निज सम्पदा लुटाई ||
मनि-तोरन, बहु केतुपताकनि, पुरी रुचिर करि छाई |
मागध-सूत द्वार बन्दीजन जहँ तहँ करत बड़ाई ||
सहज सिङ्गार किये बनिता चलीं मङ्गल बिपुल बनाई |
गावहिं देहिं असीस मुदित, चिर जिवौ तनय सुखदाई ||
बीथिन्ह कुङ्कम-कीच, अरगजा अगर अबीर उड़ाई |
नाचहिं पुर-नर-नारि प्रेम भरि देहदसा बिसराई ||
अमित धेनु-गज-तुरग-बसन-मनि, जातरुप अधिकाई |
देत भूप अनुरुप जाहि जोइ, सकल सिद्धि गृह आई ||
सुखी भए सुर-सन्त-भूमिसुर, खलगन-मन मलिनाई |
सबै सुमन बिकसत रबि निकसत, कुमुद-बिपिन बिलखाई ||
जो सुखसिन्धु-सकृत-सीकर तें सिव-बिरञ्चि-प्रभुताई |
सोइ सुख अवध उमँगि रह्यो दस दिसि, कौन जतन कहौं गाई ||
जे रघुबीर-चरन-चिन्तक, तिन्हकी गति प्रगट दिखाई |
अबिरल अमल अनुप भगति दृढ़ तुलसिदास तब पाई ||

View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart

आजु सुदिन सुभ घरी सुहाई |
रूप-सील-गुन-धाम राम नृप-भवन प्रगट भए आई ||
अति पुनीत मधुमास, लगन-ग्रह-बार-जोग-समुदाई |
हरषवन्त चर-अचर, भूमिसुर-तनरुह पुलक जनाई ||
बरषहिं बिबुध-निकर कुसुमावलि, नभ दुन्दुभी बजाई |
कौसल्यादि मातु मन हरषित, यह सुख बरनि न जाई ||
सुनि दसरथ सुत-जनम लिये सब गुरुजन बिप्र बोलाई |
बेद-बिहित करि क्रिया परम सुचि, आनँद उर न समाई ||
सदन बेद-धुनि करत मधुर मुनि, बहु बिधि बाज बधाई |
पुरबासिन्ह प्रिय-नाथ-हेतु निज-निज सम्पदा लुटाई ||
मनि-तोरन, बहु केतुपताकनि, पुरी रुचिर करि छाई |
मागध-सूत द्वार बन्दीजन जहँ तहँ करत बड़ाई ||
सहज सिङ्गार किये बनिता चलीं मङ्गल बिपुल बनाई |
गावहिं देहिं असीस मुदित, चिर जिवौ तनय सुखदाई ||
बीथिन्ह कुङ्कम-कीच, अरगजा अगर अबीर उड़ाई |
नाचहिं पुर-नर-नारि प्रेम भरि देहदसा बिसराई ||
अमित धेनु-गज-तुरग-बसन-मनि, जातरुप अधिकाई |
देत भूप अनुरुप जाहि जोइ, सकल सिद्धि गृह आई ||
सुखी भए सुर-सन्त-भूमिसुर, खलगन-मन मलिनाई |
सबै सुमन बिकसत रबि निकसत, कुमुद-बिपिन बिलखाई ||
जो सुखसिन्धु-सकृत-सीकर तें सिव-बिरञ्चि-प्रभुताई |
सोइ सुख अवध उमँगि रह्यो दस दिसि, कौन जतन कहौं गाई ||
जे रघुबीर-चरन-चिन्तक, तिन्हकी गति प्रगट दिखाई |
अबिरल अमल अनुप भगति दृढ़ तुलसिदास तब पाई ||

More books from Sai ePublications & Sai Shop

Cover of the book Ramcharitmanas (Hindi) by Tulsidas
Cover of the book Sangram Part 1-5 (Hindi) by Tulsidas
Cover of the book Rangbhumi (Hindi) by Tulsidas
Cover of the book Mansarovar - Part 7 (Hindi) by Tulsidas
Cover of the book Nirmala (Hindi) by Tulsidas
Cover of the book Alankar (Hindi) by Tulsidas
Cover of the book Vardan by Tulsidas
Cover of the book Mansarovar - Part 6 (Hindi) by Tulsidas
Cover of the book Vardan (Hindi) by Tulsidas
Cover of the book Mahabharat by Tulsidas
Cover of the book Meri Pahli Rachna (Hindi) by Tulsidas
Cover of the book Gaban (Hindi) by Tulsidas
Cover of the book Art In Needle Work by Tulsidas
Cover of the book Mansarovar - Part 8 (Hindi) by Tulsidas
Cover of the book Aankh Ki Kirkiri (Hindi) by Tulsidas
We use our own "cookies" and third party cookies to improve services and to see statistical information. By using this website, you agree to our Privacy Policy