ये कविताएं उन सभी प्रवृत्तियों का प्रतिनिधित्व करती हैं जिनके अन्तर्गत बच्चन आज तक कविता लिखते रहे हैं, और जो एक तरह से हिन्दी कविता में आरंभ से उनके समय तक चली सभी प्रवृत्तियों को एक व्यक्ति और उसके कृतित्व के माध्यम से भी इस संकलन का विशेष स्थान और महत्त्व है। इसमें हिन्दी कविता का आरंभिक छायावाद और रहस्यवाद, उनका अपना मधुवाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नई कविता आदि सभी कुछ एक साथ आ जाता है—जो कवि बच्चन का अपना श्रेय तथा उनकी गौरवपूर्ण उपलब्धि है।
ये कविताएं उन सभी प्रवृत्तियों का प्रतिनिधित्व करती हैं जिनके अन्तर्गत बच्चन आज तक कविता लिखते रहे हैं, और जो एक तरह से हिन्दी कविता में आरंभ से उनके समय तक चली सभी प्रवृत्तियों को एक व्यक्ति और उसके कृतित्व के माध्यम से भी इस संकलन का विशेष स्थान और महत्त्व है। इसमें हिन्दी कविता का आरंभिक छायावाद और रहस्यवाद, उनका अपना मधुवाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नई कविता आदि सभी कुछ एक साथ आ जाता है—जो कवि बच्चन का अपना श्रेय तथा उनकी गौरवपूर्ण उपलब्धि है।