Author: | Munshi Premchand | ISBN: | 9789352618385 |
Publisher: | Diamond Pocket Books Pvt ltd. | Publication: | February 20, 2017 |
Imprint: | Language: | Hindi |
Author: | Munshi Premchand |
ISBN: | 9789352618385 |
Publisher: | Diamond Pocket Books Pvt ltd. |
Publication: | February 20, 2017 |
Imprint: | |
Language: | Hindi |
'प्रतिज्ञा' में प्रेमचंद ने विधवा समस्या को नये रूप में प्रस्तुत किया है, तथा उसका विकल्प भी सुझाया है । प्रतिज्ञा का नायक अमृतराय विधुर है, जो अपना विवाह किसी विधवा से करना चाहता है जिससे कि किसी विधवा का हित हो, दूसरे हम उम्र पत्नी भी मिल जाये और किसी नव-यौवन का जीवन नष्ट न हो... ।
नायिका 'पूर्णा' आश्रयहीन विधवा है जो अपना वैधव्य पति को अर्ध्य समर्पित करते हुए ही व्यतीत करना चाहती है लेकिन कमला प्रसाद जैसे भूखे भेड़िये उसके संयम को तोड़ना चाहते हैं । विषम परिस्थितियों में घुट घुटकर जी रही भारतीय नारी की विषमताओं और नियति का सजीव चित्रण है 'प्रतिज्ञा' ।
'प्रतिज्ञा' में प्रेमचंद ने विधवा समस्या को नये रूप में प्रस्तुत किया है, तथा उसका विकल्प भी सुझाया है । प्रतिज्ञा का नायक अमृतराय विधुर है, जो अपना विवाह किसी विधवा से करना चाहता है जिससे कि किसी विधवा का हित हो, दूसरे हम उम्र पत्नी भी मिल जाये और किसी नव-यौवन का जीवन नष्ट न हो... ।
नायिका 'पूर्णा' आश्रयहीन विधवा है जो अपना वैधव्य पति को अर्ध्य समर्पित करते हुए ही व्यतीत करना चाहती है लेकिन कमला प्रसाद जैसे भूखे भेड़िये उसके संयम को तोड़ना चाहते हैं । विषम परिस्थितियों में घुट घुटकर जी रही भारतीय नारी की विषमताओं और नियति का सजीव चित्रण है 'प्रतिज्ञा' ।