Ajeya Karna (hindi epic)

अजेय कर्ण

Nonfiction, Reference & Language, Foreign Languages, Indic & South Asian Languages, Fiction & Literature, Poetry, Inspirational & Religious
Cover of the book Ajeya Karna (hindi epic) by Vishnu Virat Chaturvedi, विष्णु विराट चतुर्वेदी, Bhartiya Sahitya Inc.
View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart
Author: Vishnu Virat Chaturvedi, विष्णु विराट चतुर्वेदी ISBN: 9781613010129
Publisher: Bhartiya Sahitya Inc. Publication: August 12, 2013
Imprint: Language: Hindi
Author: Vishnu Virat Chaturvedi, विष्णु विराट चतुर्वेदी
ISBN: 9781613010129
Publisher: Bhartiya Sahitya Inc.
Publication: August 12, 2013
Imprint:
Language: Hindi
जब महाभारत कभी उत्कीर्ण होगा, शिलाओं पर कर्ण का गौरव खुदेगा, पीढ़ियाँ गाती रहेंगी शौर्यगाथा, कर्ण, तुम तो तुम्हीं हो, अनुपम अनन्वय। प्रस्तुत लम्बी कविता में कवि की प्रांजल मेधा का ओजस्वी रूप प्रगट हुआ है। संश्लिष्ट शब्द चित्रों द्वारा पात्र के संघर्षपूर्ण मनोगत को अनेक फलकों पर चित्रांकित करने में कवि अत्यंत सफल हुआ है। हमारा यह अनुभव रहा है कि समान के प्रचण्ड सामर्थ्य पूर्ण किसी व्यक्ति के सम्मुख प्रगट न होकर पीठ पीछे से उस पर घात-प्रतिघात करने की मनोवृत्ति वाले कायर लोग प्रतापी व्यक्तियों के प्रति नृशंसता भरे व्यवहार किये रहते हैं। कहा जा सकता है कि कवि ने सामयिक जीवन की त्रासद एवं कुटिल वास्तविकता के समर्थ प्रतीक के रूप में कर्ण को प्रस्तुत करने में अपनी जागरूक और सार्थक रचना धर्मिता का सराहनीय परिचय दिया है।
View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart
जब महाभारत कभी उत्कीर्ण होगा, शिलाओं पर कर्ण का गौरव खुदेगा, पीढ़ियाँ गाती रहेंगी शौर्यगाथा, कर्ण, तुम तो तुम्हीं हो, अनुपम अनन्वय। प्रस्तुत लम्बी कविता में कवि की प्रांजल मेधा का ओजस्वी रूप प्रगट हुआ है। संश्लिष्ट शब्द चित्रों द्वारा पात्र के संघर्षपूर्ण मनोगत को अनेक फलकों पर चित्रांकित करने में कवि अत्यंत सफल हुआ है। हमारा यह अनुभव रहा है कि समान के प्रचण्ड सामर्थ्य पूर्ण किसी व्यक्ति के सम्मुख प्रगट न होकर पीठ पीछे से उस पर घात-प्रतिघात करने की मनोवृत्ति वाले कायर लोग प्रतापी व्यक्तियों के प्रति नृशंसता भरे व्यवहार किये रहते हैं। कहा जा सकता है कि कवि ने सामयिक जीवन की त्रासद एवं कुटिल वास्तविकता के समर्थ प्रतीक के रूप में कर्ण को प्रस्तुत करने में अपनी जागरूक और सार्थक रचना धर्मिता का सराहनीय परिचय दिया है।

More books from Bhartiya Sahitya Inc.

Cover of the book Meri Kahaniyan-Manohar Shyam Joshi (Hindi Stories) by Vishnu Virat Chaturvedi, विष्णु विराट चतुर्वेदी
Cover of the book Aas (Hindi Gazal) by Vishnu Virat Chaturvedi, विष्णु विराट चतुर्वेदी
Cover of the book Sinhasan Battisi (Hindi Stories) by Vishnu Virat Chaturvedi, विष्णु विराट चतुर्वेदी
Cover of the book Panch Phool (Hindi Stories) by Vishnu Virat Chaturvedi, विष्णु विराट चतुर्वेदी
Cover of the book Chandrakanta Santati-4 by Vishnu Virat Chaturvedi, विष्णु विराट चतुर्वेदी
Cover of the book Parampara (hindi Novel) by Vishnu Virat Chaturvedi, विष्णु विराट चतुर्वेदी
Cover of the book Nirog Jeevan (Hindi self-help) by Vishnu Virat Chaturvedi, विष्णु विराट चतुर्वेदी
Cover of the book Parineeta(Hindi Novel) by Vishnu Virat Chaturvedi, विष्णु विराट चतुर्वेदी
Cover of the book Kripa (Hindi Rligious) by Vishnu Virat Chaturvedi, विष्णु विराट चतुर्वेदी
Cover of the book Premchand Ki Kahaniyan-15 by Vishnu Virat Chaturvedi, विष्णु विराट चतुर्वेदी
Cover of the book Premchand Ki Kahaniyan-26 by Vishnu Virat Chaturvedi, विष्णु विराट चतुर्वेदी
Cover of the book Aakhiri Chattan Tak (Hindi Travelogue) by Vishnu Virat Chaturvedi, विष्णु विराट चतुर्वेदी
Cover of the book Premchand Ki Kahaniyan-35 by Vishnu Virat Chaturvedi, विष्णु विराट चतुर्वेदी
Cover of the book Veer Balikayen (Hindi Stories) by Vishnu Virat Chaturvedi, विष्णु विराट चतुर्वेदी
Cover of the book Samaadhaan Khojen Aur Safal Ho Jaayen (Hindi Self-help) by Vishnu Virat Chaturvedi, विष्णु विराट चतुर्वेदी
We use our own "cookies" and third party cookies to improve services and to see statistical information. By using this website, you agree to our Privacy Policy