मुल्ला नसीरूद्दीन न केवल हँसोड़ थे, बल्कि वह अच्छे हकीम भी थे और सामान्य लोगों के सुख-दुःख में सदा भागीदार भी बनते थे, इसलिए वह अत्यन्त लोकप्रिय हुये। ऐसे समझदार आदमी ने अपनी सवारी को चुना था, एक गधा। वह अपने गधे को प्यार भी खूब करता था और गधा भी इतना समझदार था कि मुल्ला के हर इशारे को भाँप लेता था। सभी लोग उस गधे की प्रशंसा के पुल बाँधते रहते थे।
मुल्ला नसीरूद्दीन न केवल हँसोड़ थे, बल्कि वह अच्छे हकीम भी थे और सामान्य लोगों के सुख-दुःख में सदा भागीदार भी बनते थे, इसलिए वह अत्यन्त लोकप्रिय हुये। ऐसे समझदार आदमी ने अपनी सवारी को चुना था, एक गधा। वह अपने गधे को प्यार भी खूब करता था और गधा भी इतना समझदार था कि मुल्ला के हर इशारे को भाँप लेता था। सभी लोग उस गधे की प्रशंसा के पुल बाँधते रहते थे।