Navnidhi (Hindi Stories)

नवनिधि

Nonfiction, Health & Well Being, Self Help, Self Improvement, Stress Management, Fiction & Literature
Cover of the book Navnidhi (Hindi Stories) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द, Bhartiya Sahitya Inc.
View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart
Author: Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द ISBN: 9781613011744
Publisher: Bhartiya Sahitya Inc. Publication: February 18, 2012
Imprint: Language: Hindi
Author: Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
ISBN: 9781613011744
Publisher: Bhartiya Sahitya Inc.
Publication: February 18, 2012
Imprint:
Language: Hindi
प्रेमचंद की भारतवर्ष के इतिहास पुरुषों पर नौ कहानियों का संग्रह नवनिधि... बुंदेलखंड में ओरछा पुराना राज्य है। इसके राजा बुंदेले हैं। इन बुंदेलों ने पहाड़ों की घाटियों में अपना जीवन बिताया है। एक समय ओरछे के राजा जुझारसिंह थे। ये बड़े साहसी और बुद्धिमान थे। शाहजहाँ उस समय दिल्ली के बादशाह थे। जब शाहजहाँ लोदी ने बलवा किया और वह शाही मुल्क को लूटता-पाटता ओरछे की ओर आ निकला, तब राजा जुझारसिंह ने उससे मोरचा लिया। राजा के इस काम से गुणग्राही शाहजहाँ बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने तुरंत ही राजा को दक्खिन का शासन-भार सौंपा। उस दिन ओरछे में बड़ा आनंद मनाया गया। शाही दूत खिलअत और सनद लेकर राजा के पास आया। जुझारसिंह को बड़े-बड़े काम करने का अवसर मिला। सफर की तैयारियाँ होने लगीं, तब राजा ने अपने छोटे भाई हरदौल सिंह को बुला कर कहा—भैया, मैं तो जाता हूँ। अब यह राज-पाट तुम्हारे सुपुर्द है। तुम भी इसे जी से प्यार करना! न्याय ही राजा का सबसे बड़ा सहायक है। न्याय की गढ़ी में कोई शत्रु नहीं घुस सकता, चाहे वह रावण की सेना या इंद्र का बल लेकर आए, पर न्याय वही सच्चा है, जिसे प्रजा भी न्याय समझे। तुम्हारा काम केवल न्याय ही करना न होगा, बल्कि प्रजा को अपने न्याय का विश्वास भी दिलाना होगा और मैं तुम्हें क्या समझाऊँ, तुम स्वयं समझदार हो
View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart
प्रेमचंद की भारतवर्ष के इतिहास पुरुषों पर नौ कहानियों का संग्रह नवनिधि... बुंदेलखंड में ओरछा पुराना राज्य है। इसके राजा बुंदेले हैं। इन बुंदेलों ने पहाड़ों की घाटियों में अपना जीवन बिताया है। एक समय ओरछे के राजा जुझारसिंह थे। ये बड़े साहसी और बुद्धिमान थे। शाहजहाँ उस समय दिल्ली के बादशाह थे। जब शाहजहाँ लोदी ने बलवा किया और वह शाही मुल्क को लूटता-पाटता ओरछे की ओर आ निकला, तब राजा जुझारसिंह ने उससे मोरचा लिया। राजा के इस काम से गुणग्राही शाहजहाँ बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने तुरंत ही राजा को दक्खिन का शासन-भार सौंपा। उस दिन ओरछे में बड़ा आनंद मनाया गया। शाही दूत खिलअत और सनद लेकर राजा के पास आया। जुझारसिंह को बड़े-बड़े काम करने का अवसर मिला। सफर की तैयारियाँ होने लगीं, तब राजा ने अपने छोटे भाई हरदौल सिंह को बुला कर कहा—भैया, मैं तो जाता हूँ। अब यह राज-पाट तुम्हारे सुपुर्द है। तुम भी इसे जी से प्यार करना! न्याय ही राजा का सबसे बड़ा सहायक है। न्याय की गढ़ी में कोई शत्रु नहीं घुस सकता, चाहे वह रावण की सेना या इंद्र का बल लेकर आए, पर न्याय वही सच्चा है, जिसे प्रजा भी न्याय समझे। तुम्हारा काम केवल न्याय ही करना न होगा, बल्कि प्रजा को अपने न्याय का विश्वास भी दिलाना होगा और मैं तुम्हें क्या समझाऊँ, तुम स्वयं समझदार हो

More books from Bhartiya Sahitya Inc.

Cover of the book Aaj Abhi (Hindi Drama) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Meri Kahania-Jaishankar Prasad-2(Hindi Stories) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Premchand Ki Kahaniyan-14 by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Chandrahaar (Hindi Drama) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Saral Hindi Vyakran (Hindi Grammer) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Premchand Ki Kahaniyan-04 by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Do Bhadra Purush (Hindi Novel) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Pragatisheel (Hindi Novel) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Chandrakanta Santati-5 by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Prerak Kahania (Hindi Stories) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Devdas by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Dharti Aur Dhan (Hindi Novel) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Meri Kahaniyan-Nirmal Varma (Hindi Stories) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Media Hu Mai(Hindi Journalism) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
Cover of the book Swami Vivekanand Ki Vani (Hindi Wisdom-bites) by Munshi Premchand, मुंशी प्रेमचन्द
We use our own "cookies" and third party cookies to improve services and to see statistical information. By using this website, you agree to our Privacy Policy