Isha Masih Ki Vani (Hindi Wisdom-bites)

ईसामसीह की वाणी

Nonfiction, Reference & Language, Foreign Languages, Indic & South Asian Languages, Health & Well Being, Self Help, Self Improvement, Success, Motivational
Cover of the book Isha Masih Ki Vani (Hindi Wisdom-bites) by Swami Suddhastwananda, स्वामी शुद्धसत्वानन्द, Bhartiya Sahitya Inc.
View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart
Author: Swami Suddhastwananda, स्वामी शुद्धसत्वानन्द ISBN: 9781613013106
Publisher: Bhartiya Sahitya Inc. Publication: February 13, 2014
Imprint: Language: Hindi
Author: Swami Suddhastwananda, स्वामी शुद्धसत्वानन्द
ISBN: 9781613013106
Publisher: Bhartiya Sahitya Inc.
Publication: February 13, 2014
Imprint:
Language: Hindi
वे आत्मास्वरूप थे! वे जानते थे कि वे शुद्ध आत्मास्वरूप हैं - देह में अवस्थित हो मानवजाति के कल्याण के लिए देह का परिचालन मात्र कर रहे हैं। देह के साथ उनका केवल इतना ही सम्पर्क था। वे वास्तव में विदेह, शुद्ध-बुद्ध-मुक्त आत्मास्वरूप थे। यही नहीं, उन्होंने अपनी अद्भुत दिव्य दृष्टि से जान लिया था कि सभी नर-नारी, चाहे वे यहूदी हों या किसी अन्य इतर जाति के हों, दरिद्र हों या धनवान् साधु हों या पापात्मा, उनके ही समान अविनाशी आत्मास्वरूप हैं। उन्होंने कहा, ''यह कुसंस्कारमय मिथ्या भावना छोड़ दो कि तुम हीन हो और यह कि तुम दरिद्र हो।'' उन्होंने घोषणा की, ''तू जान कि स्वर्ग का राज्य तेरे भीतर अवस्थित है।'' ईसामसीह उन सबके साकारस्वरूप हैं, जो उनकी जाति में श्रेष्ठ और उच्च हैं; और वे केवल अपनी ही जाति के नहीं, अपितु असंख्य जातियों के भावी जीवन के शक्ति स्रोत हैं। - स्वामी विवेकानन्द
View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart
वे आत्मास्वरूप थे! वे जानते थे कि वे शुद्ध आत्मास्वरूप हैं - देह में अवस्थित हो मानवजाति के कल्याण के लिए देह का परिचालन मात्र कर रहे हैं। देह के साथ उनका केवल इतना ही सम्पर्क था। वे वास्तव में विदेह, शुद्ध-बुद्ध-मुक्त आत्मास्वरूप थे। यही नहीं, उन्होंने अपनी अद्भुत दिव्य दृष्टि से जान लिया था कि सभी नर-नारी, चाहे वे यहूदी हों या किसी अन्य इतर जाति के हों, दरिद्र हों या धनवान् साधु हों या पापात्मा, उनके ही समान अविनाशी आत्मास्वरूप हैं। उन्होंने कहा, ''यह कुसंस्कारमय मिथ्या भावना छोड़ दो कि तुम हीन हो और यह कि तुम दरिद्र हो।'' उन्होंने घोषणा की, ''तू जान कि स्वर्ग का राज्य तेरे भीतर अवस्थित है।'' ईसामसीह उन सबके साकारस्वरूप हैं, जो उनकी जाति में श्रेष्ठ और उच्च हैं; और वे केवल अपनी ही जाति के नहीं, अपितु असंख्य जातियों के भावी जीवन के शक्ति स्रोत हैं। - स्वामी विवेकानन्द

More books from Bhartiya Sahitya Inc.

Cover of the book Suraj Ka Satvan Ghoda (Hindi Novel) by Swami Suddhastwananda, स्वामी शुद्धसत्वानन्द
Cover of the book Mera Jivan Tatha Dhyeya (Hindi Self-help) by Swami Suddhastwananda, स्वामी शुद्धसत्वानन्द
Cover of the book Do Bhadra Purush (Hindi Novel) by Swami Suddhastwananda, स्वामी शुद्धसत्वानन्द
Cover of the book Meri Kahaniyan-Mannu Bhandari by Swami Suddhastwananda, स्वामी शुद्धसत्वानन्द
Cover of the book Aasha-Nirasha (Hindi Novel) by Swami Suddhastwananda, स्वामी शुद्धसत्वानन्द
Cover of the book Veer Balikayen (Hindi Stories) by Swami Suddhastwananda, स्वामी शुद्धसत्वानन्द
Cover of the book Prem Purnima(Hindi Stories) by Swami Suddhastwananda, स्वामी शुद्धसत्वानन्द
Cover of the book Guru Nanak Ki Vani (Hindi self-help) by Swami Suddhastwananda, स्वामी शुद्धसत्वानन्द
Cover of the book Gaban (Hindi Novel) by Swami Suddhastwananda, स्वामी शुद्धसत्वानन्द
Cover of the book Manorama (Hindi Novel) by Swami Suddhastwananda, स्वामी शुद्धसत्वानन्द
Cover of the book Pratigya (Hindi Novel) by Swami Suddhastwananda, स्वामी शुद्धसत्वानन्द
Cover of the book Rashmirathi (Hindi Epic) by Swami Suddhastwananda, स्वामी शुद्धसत्वानन्द
Cover of the book Kabirdas Ki Sakhiyan by Swami Suddhastwananda, स्वामी शुद्धसत्वानन्द
Cover of the book Premchand Ki Kahaniyan-16 by Swami Suddhastwananda, स्वामी शुद्धसत्वानन्द
Cover of the book Meri Kahania - Rangeya Raghav (Hindi Stories) by Swami Suddhastwananda, स्वामी शुद्धसत्वानन्द
We use our own "cookies" and third party cookies to improve services and to see statistical information. By using this website, you agree to our Privacy Policy