Srimadbhagwadgita (Hindi Prayer)

श्रीमद्भगवद्गीता

Nonfiction, Reference & Language, Foreign Languages, Indic & South Asian Languages, Religion & Spirituality, Eastern Religions, Hinduism
Cover of the book Srimadbhagwadgita (Hindi Prayer) by Maharshi Vedvyas, महर्षि वेदव्यास, Bhartiya Sahitya Inc.
View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart
Author: Maharshi Vedvyas, महर्षि वेदव्यास ISBN: 9781613014660
Publisher: Bhartiya Sahitya Inc. Publication: April 1, 2014
Imprint: Language: Hindi
Author: Maharshi Vedvyas, महर्षि वेदव्यास
ISBN: 9781613014660
Publisher: Bhartiya Sahitya Inc.
Publication: April 1, 2014
Imprint:
Language: Hindi
श्रीमद्भगवद्गीता' आनन्दचिदघन, षडैश्वर्यपूर्ण, चराचरवन्दित, परमपुरुषोत्तम साक्षात् भगवान् श्रीकृष्ण की दिव्य वाणी है। यह अनन्त रहस्यों से पूर्ण है। परम दयामय भगवान् श्रीकृष्ण की कृपा से ही किसी अंश में इसका रहस्य समझ में आ सकता है। जो पुरुष परम श्रद्धा और प्रेममयी विशुद्ध भक्ति से अपने हृदय को भरकर भगवद्गीता का मनन करते हैं, वे ही भगवत्कृपा का प्रत्यक्ष अनुभव करके गीता के स्वरूप की किसी अंश में झाँकी कर सकते हैं। अतएव अपना कल्याण चाहनेवाले नर-नारियों को उचित है कि वे भक्तवर अर्जुन को आदर्श मानकर अपने में अर्जुन के-से दैवी गुणों का अर्जन करते हुए श्रद्धा-भक्तिपूर्वक गीता का श्रवण, मनन, अध्ययन करें एवं भगवान् के आज्ञानुसार यथायोग्य तत्परता के साथ साधन में लग जायँ। जो पुरुष इस प्रकार करते हैं, उनके अन्तःकरण में नित्य नये-नये परमानन्ददायक अनुपम और दिव्य भावों की स्फुरणाएँ होती रहती हैं तथा वे सर्वथा शुद्धान्तःकरण होकर भगवान् की अलौकिक कृपासुधा का रसास्वादन करते हुए शीघ्र ही भगवान् को प्राप्त हो जाते हैं।
View on Amazon View on AbeBooks View on Kobo View on B.Depository View on eBay View on Walmart
श्रीमद्भगवद्गीता' आनन्दचिदघन, षडैश्वर्यपूर्ण, चराचरवन्दित, परमपुरुषोत्तम साक्षात् भगवान् श्रीकृष्ण की दिव्य वाणी है। यह अनन्त रहस्यों से पूर्ण है। परम दयामय भगवान् श्रीकृष्ण की कृपा से ही किसी अंश में इसका रहस्य समझ में आ सकता है। जो पुरुष परम श्रद्धा और प्रेममयी विशुद्ध भक्ति से अपने हृदय को भरकर भगवद्गीता का मनन करते हैं, वे ही भगवत्कृपा का प्रत्यक्ष अनुभव करके गीता के स्वरूप की किसी अंश में झाँकी कर सकते हैं। अतएव अपना कल्याण चाहनेवाले नर-नारियों को उचित है कि वे भक्तवर अर्जुन को आदर्श मानकर अपने में अर्जुन के-से दैवी गुणों का अर्जन करते हुए श्रद्धा-भक्तिपूर्वक गीता का श्रवण, मनन, अध्ययन करें एवं भगवान् के आज्ञानुसार यथायोग्य तत्परता के साथ साधन में लग जायँ। जो पुरुष इस प्रकार करते हैं, उनके अन्तःकरण में नित्य नये-नये परमानन्ददायक अनुपम और दिव्य भावों की स्फुरणाएँ होती रहती हैं तथा वे सर्वथा शुद्धान्तःकरण होकर भगवान् की अलौकिक कृपासुधा का रसास्वादन करते हुए शीघ्र ही भगवान् को प्राप्त हो जाते हैं।

More books from Bhartiya Sahitya Inc.

Cover of the book Shrikant (Hindi Novel) by Maharshi Vedvyas, महर्षि वेदव्यास
Cover of the book Meri Kahania - Rangeya Raghav (Hindi Stories) by Maharshi Vedvyas, महर्षि वेदव्यास
Cover of the book Aatmadan (Hindi Novel) by Maharshi Vedvyas, महर्षि वेदव्यास
Cover of the book Gaban (Hindi Novel) by Maharshi Vedvyas, महर्षि वेदव्यास
Cover of the book Aaradhana (hindi poetry) by Maharshi Vedvyas, महर्षि वेदव्यास
Cover of the book Bhaj Govindam (Hindi Prayer) by Maharshi Vedvyas, महर्षि वेदव्यास
Cover of the book Hindi Ki Adarsh Kahaniyan(Hindi Stories) by Maharshi Vedvyas, महर्षि वेदव्यास
Cover of the book Devdas by Maharshi Vedvyas, महर्षि वेदव्यास
Cover of the book Premchand Ki Kahaniyan-45 by Maharshi Vedvyas, महर्षि वेदव्यास
Cover of the book Premchand Ki Kahaniyan-01 by Maharshi Vedvyas, महर्षि वेदव्यास
Cover of the book Premchand Ki Kahaniyan-40 by Maharshi Vedvyas, महर्षि वेदव्यास
Cover of the book Prasad (Hindi Rligious) by Maharshi Vedvyas, महर्षि वेदव्यास
Cover of the book Chandrakanta Santati-3 by Maharshi Vedvyas, महर्षि वेदव्यास
Cover of the book Premchand Ki Kahaniyan-18 by Maharshi Vedvyas, महर्षि वेदव्यास
Cover of the book Vipul Labh Ka Rahasya (Hindi Self-help) by Maharshi Vedvyas, महर्षि वेदव्यास
We use our own "cookies" and third party cookies to improve services and to see statistical information. By using this website, you agree to our Privacy Policy