Rajarshi (Hindi)

Fiction & Literature, Anthologies, Literary Theory & Criticism
Cover of the book Rajarshi (Hindi) by Rabindranath Tagore, Sai ePublications & Sai Shop
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Author: Rabindranath Tagore ISBN: 9781310588389
Publisher: Sai ePublications & Sai Shop Publication: July 2, 2014
Imprint: Smashwords Edition Language: Hindi
Author: Rabindranath Tagore
ISBN: 9781310588389
Publisher: Sai ePublications & Sai Shop
Publication: July 2, 2014
Imprint: Smashwords Edition
Language: Hindi

भुवनेश्वरी मंदिर का पत्थर का घाट गोमती नदी में जाकर मिल गया है। एक दिन ग्रीष्म-काल की सुबह त्रिपुरा के महाराजा गोविन्दमाणिक्य स्नान करने आए हैं, उनके भाई नक्षत्रराय भी साथ हैं। ऐसे समय एक छोटी लडकी अपने छोटे भाई को साथ लेकर उसी घाट पर आई। राजा का वस्त्र खींचते हुए पूछा, "तुम कौन हो?"

राजा मुस्कराते हुए बोले, "माँ, मैं तुम्हारी संतान हूँ।"

लडकी बोली, "मुझे पूजा के लिए फूल तोड़ दो ना!"

राजा बोले, "अच्छा, चलो।"

अनुचर बेचैन हो उठे। उन्होंने कहा, "महाराज, आप क्यों जाएँगे, हम तोड़े दे रहे हैं।"

राजा बोले, "नहीं, जब मुझे कहा है, तो मैं ही तोड़ कर दूँगा।"

राजा ने उस लडकी के चेहरे की ओर ताका। उस दिन की निर्मल उषा के साथ उसके चेहरे का सादृश्य था। जब वह राजा का हाथ पकड़े मंदिर से सटे फूलों के बगीचे में घूम रही थी, तो चारों ओर के लता-पुष्पों के समान उसके लावण्य भरे चेहरे से निर्मल सौरभ का भाव प्रस्फुटित होकर प्रभात-कानन में व्याप्त हो रहा था। छोटा भाई दीदी का कपड़ा पकड़े दीदी के संग-संग घूम रहा था। वह एकमात्र दीदी को ही जानता है, राजा के साथ उसकी कोई बड़ी घनिष्ठता नहीं हुई।

राजा ने लडकी से पूछा, "तुम्हारा नाम क्या है बेटी?"

लडकी बोली, "हासी।"

राजा ने लड़के से पूछा, "तुम्हारा नाम क्या है?"

लडका बड़ी-बड़ी आँखें फाड़े दीदी का मुँह ताकता रहा, कोई उत्तर नहीं दिया।

हासी ने उसके कंधे पर हाथ रख कर कहा, "बोल-ना भैया, मेरा नाम ताता है।"

लडका अपने छोटे-से होंठ जरा-सा खोल कर गंभीर भाव से दीदी की बात की प्रतिध्वनि के समान बोला, "मेरा नाम ताता है।"

बोल कर दीदी का कपड़ा और कस कर पकड़ लिया।

हासी राजा को समझाते हुए बोली, "वो लडका है-ना, इसीलिए सब उसे ताता बुलाते हैं।"

छोटे भाई की ओर मुँह घुमा कर कहा, "अच्छा, बोल-तो मंदिर।"

लडके ने दीदी के मुँह पर ताक कर कहा, "लदन्द।"

हासी ने हँस कर कहा, "ताता मंदिर नहीं बोल पाता, बोलता है, लदन्द। - अच्छा, बोल-तो कढ़ाई।"

लडका गंभीर होकर बोला, "बलाई।"

हासी फिर हँस पड़ी, बोली, "हमारा ताता कढ़ाई नहीं बोल पाता, बोलता है, बलाई।"

कह कर चूमते-चूमते उसे परेशान कर डाला।

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भुवनेश्वरी मंदिर का पत्थर का घाट गोमती नदी में जाकर मिल गया है। एक दिन ग्रीष्म-काल की सुबह त्रिपुरा के महाराजा गोविन्दमाणिक्य स्नान करने आए हैं, उनके भाई नक्षत्रराय भी साथ हैं। ऐसे समय एक छोटी लडकी अपने छोटे भाई को साथ लेकर उसी घाट पर आई। राजा का वस्त्र खींचते हुए पूछा, "तुम कौन हो?"

राजा मुस्कराते हुए बोले, "माँ, मैं तुम्हारी संतान हूँ।"

लडकी बोली, "मुझे पूजा के लिए फूल तोड़ दो ना!"

राजा बोले, "अच्छा, चलो।"

अनुचर बेचैन हो उठे। उन्होंने कहा, "महाराज, आप क्यों जाएँगे, हम तोड़े दे रहे हैं।"

राजा बोले, "नहीं, जब मुझे कहा है, तो मैं ही तोड़ कर दूँगा।"

राजा ने उस लडकी के चेहरे की ओर ताका। उस दिन की निर्मल उषा के साथ उसके चेहरे का सादृश्य था। जब वह राजा का हाथ पकड़े मंदिर से सटे फूलों के बगीचे में घूम रही थी, तो चारों ओर के लता-पुष्पों के समान उसके लावण्य भरे चेहरे से निर्मल सौरभ का भाव प्रस्फुटित होकर प्रभात-कानन में व्याप्त हो रहा था। छोटा भाई दीदी का कपड़ा पकड़े दीदी के संग-संग घूम रहा था। वह एकमात्र दीदी को ही जानता है, राजा के साथ उसकी कोई बड़ी घनिष्ठता नहीं हुई।

राजा ने लडकी से पूछा, "तुम्हारा नाम क्या है बेटी?"

लडकी बोली, "हासी।"

राजा ने लड़के से पूछा, "तुम्हारा नाम क्या है?"

लडका बड़ी-बड़ी आँखें फाड़े दीदी का मुँह ताकता रहा, कोई उत्तर नहीं दिया।

हासी ने उसके कंधे पर हाथ रख कर कहा, "बोल-ना भैया, मेरा नाम ताता है।"

लडका अपने छोटे-से होंठ जरा-सा खोल कर गंभीर भाव से दीदी की बात की प्रतिध्वनि के समान बोला, "मेरा नाम ताता है।"

बोल कर दीदी का कपड़ा और कस कर पकड़ लिया।

हासी राजा को समझाते हुए बोली, "वो लडका है-ना, इसीलिए सब उसे ताता बुलाते हैं।"

छोटे भाई की ओर मुँह घुमा कर कहा, "अच्छा, बोल-तो मंदिर।"

लडके ने दीदी के मुँह पर ताक कर कहा, "लदन्द।"

हासी ने हँस कर कहा, "ताता मंदिर नहीं बोल पाता, बोलता है, लदन्द। - अच्छा, बोल-तो कढ़ाई।"

लडका गंभीर होकर बोला, "बलाई।"

हासी फिर हँस पड़ी, बोली, "हमारा ताता कढ़ाई नहीं बोल पाता, बोलता है, बलाई।"

कह कर चूमते-चूमते उसे परेशान कर डाला।

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