आज जो समाज की बीमार मानसिकता तथा शासन में व्याप्त अनुशासनहीनता के कारण आपके सामने विभिन्न समस्यायें हैं, उनका व्यक्तिगत आधार पर कोई उत्तर नहीं है। यह एक बिडंबना है कि जहाँ दूसरे सभी देशों में जनता अनुशासनहीन होती है जिसके कारण समस्यायें उत्पन्न होती हैं, और वहाँ की सरकार इस की शिकायत करती हैं। लेकिन हमारे देश में तो लगता है कि राज्य कर्मचारी ही अनुशासनहीन हैं। वे भ्रष्ट हैं, अयोग्य हैं, उनमें नैतिकता का अभाव है। उनमें दूरदर्शिता नहीं है, जिसके कारण इतनी समस्यायें खड़ी हो गई हो जहाँ पर भी मैं जाता हूँ शिकायतों की भरमार मिलती है। उनका हल ढूंढा जा सकता है, और बह हल आप द्वारा ही ढूँढा जाना है।
आज जो समाज की बीमार मानसिकता तथा शासन में व्याप्त अनुशासनहीनता के कारण आपके सामने विभिन्न समस्यायें हैं, उनका व्यक्तिगत आधार पर कोई उत्तर नहीं है। यह एक बिडंबना है कि जहाँ दूसरे सभी देशों में जनता अनुशासनहीन होती है जिसके कारण समस्यायें उत्पन्न होती हैं, और वहाँ की सरकार इस की शिकायत करती हैं। लेकिन हमारे देश में तो लगता है कि राज्य कर्मचारी ही अनुशासनहीन हैं। वे भ्रष्ट हैं, अयोग्य हैं, उनमें नैतिकता का अभाव है। उनमें दूरदर्शिता नहीं है, जिसके कारण इतनी समस्यायें खड़ी हो गई हो जहाँ पर भी मैं जाता हूँ शिकायतों की भरमार मिलती है। उनका हल ढूंढा जा सकता है, और बह हल आप द्वारा ही ढूँढा जाना है।