Meri Kahaniyan-Khushwant Singh (Hindi Stories)

मेरी कहानियाँ-खुशवन्त सिंह

Nonfiction, Reference & Language, Foreign Languages, Indic & South Asian Languages, Fiction & Literature, Short Stories, Historical
Cover of the book Meri Kahaniyan-Khushwant Singh (Hindi Stories) by Khushwant Singh, खुशवन्त सिंह, Bhartiya Sahitya Inc.
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Author: Khushwant Singh, खुशवन्त सिंह ISBN: 9781613012130
Publisher: Bhartiya Sahitya Inc. Publication: March 10, 2013
Imprint: Language: Hindi
Author: Khushwant Singh, खुशवन्त सिंह
ISBN: 9781613012130
Publisher: Bhartiya Sahitya Inc.
Publication: March 10, 2013
Imprint:
Language: Hindi
कौन कहता है कि कहानी का अंत हो चुका है? भारत में तो अभी-अभी इसका पुनर्जन्म हुआ है और साहित्यिक पंडितों के अनुसार इसकी जन्मपत्री में लिखा है कि इसकी उम्र बहुत लंबी और समृद्ध होगी। अन्य अनेक विकासशील देशों की तरह भारत में भी कागज की उपलब्धता और प्रिटिंग की तकनीक शुरू होने से पहले साहित्य की दो ही विधाएँ प्रचलित थींएक कविता और दूसरी लोक-नाट्य। इन दोनों विधाओं का माध्यम अलिखित था। रचनाओं को कंठस्थ कर पीढ़ी-दर-पीढ़ी आगे बढ़ाया जाता था। सामान्य जन में शिक्षा का प्रसार होना तो अभी हाल की ही घटना है। कविता और लोक-नाट्य के बाद जो एक और विधा लोगों में लोकप्रिय थी, वह थी, ‘लतीफा’ या ‘दंतकथा’ थोड़े से शब्दों में कोई शिक्षा या संदेश देने का माध्यम होती थीं ये कथाएँ जिनका अंत हमेशा एक ऐसी पंक्ति से होता था जिसमें कथा का सार छुपा होता।
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कौन कहता है कि कहानी का अंत हो चुका है? भारत में तो अभी-अभी इसका पुनर्जन्म हुआ है और साहित्यिक पंडितों के अनुसार इसकी जन्मपत्री में लिखा है कि इसकी उम्र बहुत लंबी और समृद्ध होगी। अन्य अनेक विकासशील देशों की तरह भारत में भी कागज की उपलब्धता और प्रिटिंग की तकनीक शुरू होने से पहले साहित्य की दो ही विधाएँ प्रचलित थींएक कविता और दूसरी लोक-नाट्य। इन दोनों विधाओं का माध्यम अलिखित था। रचनाओं को कंठस्थ कर पीढ़ी-दर-पीढ़ी आगे बढ़ाया जाता था। सामान्य जन में शिक्षा का प्रसार होना तो अभी हाल की ही घटना है। कविता और लोक-नाट्य के बाद जो एक और विधा लोगों में लोकप्रिय थी, वह थी, ‘लतीफा’ या ‘दंतकथा’ थोड़े से शब्दों में कोई शिक्षा या संदेश देने का माध्यम होती थीं ये कथाएँ जिनका अंत हमेशा एक ऐसी पंक्ति से होता था जिसमें कथा का सार छुपा होता।

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